जलवायु कार्रवाई और वैश्विक दक्षिण की भूमिका
बैठक के दौरान जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए आवश्यक नीतिगत उपायों, तकनीकी सहयोग और वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। वैश्विक दक्षिण के देशों की क्षमता निर्माण (Capacity Building), नवाचार, और हरित प्रौद्योगिकी तक पहुँच सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया गया।
भारत की वैश्विक पहलें बनीं चर्चा का केंद्र
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने हाल के वर्षों में वैश्विक जलवायु नेतृत्व में एक सशक्त भूमिका निभाई है। इस बैठक में भारत द्वारा आरंभ की गई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पहलें—
- अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA)
- आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन (CDRI)
- IBCA (International Big Cat Alliance)
इन सभी पहलों की जलवायु परिवर्तन से निपटने में भूमिका को रेखांकित किया गया। इन पहलों ने भारत को जलवायु न्याय (Climate Justice) और सतत विकास के क्षेत्र में एक अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्थापित किया है।
भविष्य की दिशा: सहयोग और समन्वय
बैठक में यह भी तय हुआ कि UNFCCC और भारत के बीच सहयोग को और अधिक गहरा किया जाएगा, ताकि जलवायु नीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन हो सके। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में ध्यान केंद्रित किया जाएगा जहाँ विकासशील देश जलवायु संकट का सबसे अधिक सामना कर रहे हैं।
यह बैठक भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, और वैश्विक नेतृत्व की भूमिका को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही। भारत आने वाले समय में भी जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक मजबूत और सकारात्मक भूमिका निभाने को प्रतिबद्ध है।