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ताराचन्द खोयड़ावाल | संपादक – प्रगति न्यूज़
दिनांक: 19 अप्रैल 2025हरियाणा के पलवल जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ "जन रक्षक" की भूमिका निभाने वाले एक पुलिस अधिकारी को ही कानून ने जेल भेज दिया है। शहर थाना प्रभारी (SHO) राधेश्याम को एक आरोपी के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार करने के मामले में निलंबित कर जेल भेजा गया है।
यह घटना दिसंबर 2024 की है जब साइबर ठगी के एक आरोपी ने आरोप लगाया कि पुलिस हिरासत में SHO ने उसके साथ अमानवीय बर्ताव किया। शिकायतकर्ता ने बताया कि SHO ने उसके हाथ-पैर बांध दिए, बेरहमी से पीटा और हरी मिर्च का घोल पिलाने के साथ-साथ इंजेक्शन द्वारा प्राइवेट पार्ट में वही घोल डाल दिया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच शुरू की। CCTV फुटेज की पुष्टि के बाद SHO राधेश्याम को 16 अप्रैल 2025 को निलंबित कर गिरफ्तार किया गया। यह भी सामने आया है कि अन्य तीन आरोपियों के साथ भी इसी प्रकार का अमानवीय व्यवहार हुआ है, जिनकी जांच अलग से जारी है।
पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पद पर हो, अगर कानून का उल्लंघन करता है तो उसे सज़ा भुगतनी होगी। पुलिस की वर्दी सेवा के लिए है, अत्याचार के लिए नहीं।”
यह मामला न केवल पुलिस तंत्र में जवाबदेही की जरूरत को उजागर करता है, बल्कि मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सजग समाज और मीडिया की भूमिका को भी रेखांकित करता है।