खैरथल, अलवर | 11 अप्रैल 2025
खैरथल में अम्बेडकर सर्कल पर ज्ञानदेव आहूजा का पुतला दहन, SC/ST समाज ने दिखाई ऐतिहासिक एकता बाबा साहब की जयंती से पहले दिया सामाजिक न्याय का सशक्त संदेश
डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती से पूर्व खैरथल कस्बे में सामाजिक समरसता और सम्मान का ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला। अम्बेडकर सर्कल पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समाज के सैकड़ों लोगों ने एकजुट होकर पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा का पुतला दहन किया। इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य समाज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों और शोषण के प्रयासों के प्रति सामूहिक प्रतिकार जताना था।
कार्यक्रम के दौरान समाज ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि अब कोई भी अगर दलित, वंचित और शोषित समाज को अपमानित करने या उन पर अत्याचार करने की कोशिश करेगा, तो उसे एकजुट होकर करारा जवाब मिलेगा। समाज की यह एकता किसी राजनीतिक पार्टी या गुटबंदी से प्रेरित नहीं थी, बल्कि सामाजिक चेतना और न्याय के मूल्यों पर आधारित थी।
समाज के प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता रहे मौजूद:
इस अवसर पर श्री जाटव समाज संस्थान के अध्यक्ष रामबाबू जाटव, पूर्व अध्यक्ष रामचंद्र कॉमरेड, खैरथल-तिजारा जाटव वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष राजेंद्र रसगोन, मजदूर विकास फाउंडेशन के प्रतिनिधि लक्ष्मण सिंह जाटव, भीम आर्मी (आसपा) के पदाधिकारी, लक्ष्मी नारायण, नेताजी मम्मन राम, विजय वंदन, हरीश कुमार , बाबुलाल मीणा, मदन लाल, एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ता , एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता व आमजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
सभी वक्ताओं ने बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के विचारों को आत्मसात करते हुए सामाजिक समता, न्याय और गरिमा की रक्षा के लिए संगठित रहने का संकल्प लिया।
सामाजिक एकता का सशक्त उदाहरण
पुतला दहन केवल विरोध नहीं था, यह एक सामाजिक चेतावनी थी—कि अब दलित समाज जागरूक है, एकजुट है, और अपने स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं करेगा। यह आयोजन बाबा साहब की जयंती से पहले समाज की उस चेतना को दर्शाता है, जो हर तरह के अन्याय और भेदभाव के खिलाफ खड़ी हो चुकी है।