अलवर, राजस्थान – मजदूर विकास फाउंडेशन ने हाल ही में एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में भारत के सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA) 2003 की धारा 5 के उल्लंघन को उजागर किया है। यह धारा तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर सख्त प्रतिबंध लगाती है।
उल्लंघन की जानकारी
यह उल्लंघन अलवर जिले के हसन खां मेवाती नगर में जैन महासभा के पास स्थित 'हरि जनरल स्टोर' पर देखा गया है। इस दुकान पर एक साइनबोर्ड लगाया गया है, जो संभवतः तंबाकू उत्पादों का प्रचार करता है। मजदूर विकास फाउंडेशन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अलवर पुलिस, राजस्थान पुलिस और एक समाचार आउटलेट को टैग करके इस पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
COTPA 2003 और इसकी धारा 5
COTPA 2003 की धारा 5 के अनुसार, किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसमें न केवल प्रत्यक्ष विज्ञापन (पोस्टर, बैनर, टीवी और डिजिटल मीडिया) बल्कि अप्रत्यक्ष विज्ञापन (ब्रांड प्रचार, स्पॉन्सरशिप, आदि) भी शामिल हैं। इस कानून का उद्देश्य जनता, विशेष रूप से युवाओं को तंबाकू के दुष्प्रभावों से बचाना है।
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नियम
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) के तहत, तंबाकू बेचने वाली दुकानों को 60 सेमी x 45 सेमी का एक बोर्ड लगाना अनिवार्य है, जिसमें लिखा हो - "तंबाकू कैंसर का कारण है।" हालांकि, मजदूर विकास फाउंडेशन द्वारा चिन्हित दुकान ने इस नियम का पालन नहीं किया है, जो कानून के उल्लंघन का स्पष्ट संकेत है।
संभावित कार्रवाई और प्रभाव
यदि स्थानीय प्रशासन इस शिकायत पर संज्ञान लेता है, तो संबंधित दुकान के मालिक को चेतावनी दी जा सकती है या उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। गंभीर मामलों में, दुकान का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। मजदूर विकास फाउंडेशन का यह कदम तंबाकू नियंत्रण कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
समाज के लिए संदेश
तंबाकू सेवन न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी घातक है। इस प्रकार की गतिविधियों को उजागर करके और जागरूकता फैलाकर, संगठन और नागरिक समाज तंबाकू मुक्त भारत की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
इस मामले में प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार है, और उम्मीद है कि जल्द ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। मजदूर विकास फाउंडेशन का यह प्रयास तंबाकू नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।