जयपुर,राजस्थान में बढ़ती गर्मी और हीटवेव के खतरे को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने प्रदेशभर के चिकित्सा तंत्र को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य यह होना चाहिए कि लू-तापघात से कोई जनहानि नहीं हो। इसके लिए सभी जिलों में प्रभावी और त्वरित प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।
स्वास्थ्य भवन, जयपुर में मंगलवार को आयोजित बैठक में मंत्री खींवसर ने हीटवेव प्रबंधन को लेकर राज्य भर में की जा रही तैयारियों और गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि चिकित्सा संस्थानों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या संसाधनों की कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यदि ऐसी कोई स्थिति सामने आती है तो संबंधित चिकित्सा संस्थान के प्रभारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
हीटवेव से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर हो चिकित्सा तंत्र
मंत्री खींवसर ने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालयों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सब-सेंटरों तक सभी स्तरों पर दवाओं, जांच, इलाज, पंखे, कूलर, एसी, वाटर कूलर आदि की व्यवस्थाएं पूरी तरह से दुरुस्त रहनी चाहिए। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से फील्ड में जाकर अस्पतालों का निरीक्षण करें और यदि किसी प्रकार की कमी हो तो आरएमआरएस फंड या अन्य वैकल्पिक माध्यमों से तत्काल संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
रेपिड रेस्पॉन्स सिस्टम से त्वरित राहत
चिकित्सा मंत्री ने निर्देश दिए कि लू-तापघात के मरीजों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए रेपिड रेस्पॉन्स सिस्टम को सक्रिय किया जाए। सभी चिकित्सा संस्थानों में हीटवेव उपचार से जुड़ी दवाओं, आईसपैक, ओआरएस आदि की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए। एम्बुलेंसों को पूर्ण संसाधनों से लैस कर क्रियाशील स्थिति में रखा जाए, जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में समय रहते उपचार मिल सके।
डेडिकेटेड हीट स्ट्रोक वार्ड और कंट्रोल रूम
उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के लिए डेडिकेटेड वार्ड बनाए जाएं और 24 घंटे संचालित कंट्रोल रूम से स्थिति पर नजर रखी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन जिलों में हीटवेव की तीव्रता अधिक है, वहां विशेष सतर्कता और अतिरिक्त तैयारी की जाए।
स्टाफ की कमी की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जहां स्टाफ की कमी है वहां स्थानीय स्तर पर तात्कालिक वैकल्पिक उपाय किए जाएं ताकि उपचार में कोई रुकावट न आए। विभाग की ओर से आवश्यकतानुसार अतिरिक्त स्टाफ की भी व्यवस्था की जा रही है।
खाद्य सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि हीटवेव के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा से जुड़ी गतिविधियों पर भी ध्यान दिया जाए। गर्मियों में दूषित खानपान से बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है, इसलिए सभी जिलों में खाद्य सामग्री में मिलावट की नियमित जांच हो। खाद्य उत्पाद इकाइयों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाए कि वे सभी आवश्यक सुरक्षा मानकों का पालन कर रही हैं। आमजन को भी स्वच्छ भोजन और स्वस्थ जीवनशैली के लिए प्रेरित किया जाए।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
इस समीक्षा बैठक में अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. टी. शुभमंगला, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, निदेशक आरसीएच डॉ. सुनीत सिंह राणावत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सभी जिलों से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) और अन्य अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक से जुड़े।