बाबा भीम जी की गाथा अमर रहेगी — समाज के प्रति समर्पित भावों का नया संगीत

0

"बाबा भीम जी की गाथा अमर रहेगी" — समाज के प्रति समर्पित भावों का नया संगीत

समाज परिवर्तन के प्रतीक, संविधान निर्माता और करोड़ों शोषितों की आवाज़ बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की गाथा आज भी जन-जन के दिलों में जीवित है। इसी प्रेरणा को स्वरबद्ध कर समाज को समर्पित किया है नवोदित गायक मनदीप खरेरा तिनकीरूड़ी ने, अपने पहले गीत "बाबा भीम जी की गाथा अमर रहेगी" के माध्यम से।

इस गीत को लिखा है प्रतिभाशाली लेखक दीपदीपिका (मोलावास) ने, जिन्होंने अपने शब्दों में बाबा साहेब के जीवन, संघर्ष और विचारों को भावनात्मक अभिव्यक्ति दी है। यह गीत केवल एक संगीत रचना नहीं, बल्कि एक क्रांति की पुकार है जो सामाजिक न्याय, समता और अधिकारों की आवाज़ बनकर उभर रही है।


गायक मनदीप खरेरा का यह पहला प्रयास है, लेकिन इसमें जो जुनून, भाव और समर्पण दिखाई देता है, वह उन्हें एक सशक्त लोकगायक के रूप में प्रस्तुत करता है। गीत का वीडियो भी बाबा साहेब के विचारों और आंदोलन को चित्रित करता है, जो श्रोताओं और दर्शकों के दिल को छू जाता है।


गायक की अपील:

"मैं आप सभी से विनम्र निवेदन करता हूँ कि मेरे इस पहले प्रयास को अपना प्यार और आशीर्वाद देकर सफल बनाएं। यह गीत बाबा साहेब को समर्पित एक छोटी सी श्रद्धांजलि है।"

इस गीत के माध्यम से एक नई आवाज़ उठी है — वो आवाज़ जो समाज में बदलाव लाने के लिए गूंजेगी और आने वाली पीढ़ियों तक बाबा साहेब का संदेश पहुंचाएगी।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*