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आलोक राज की रिपोर्ट: भारत में अज़ान सुनकर टूट गया पाकिस्तान का झूठा जिहाद

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कुपवाड़ा में दो पाकिस्तानी आतंकियों की गिरफ़्तारी ने खोला जिहाद का झूठा सच | आतंकवाद की असलियत और भारत की सच्चाई

कुपवाड़ा में भारतीय सेना द्वारा पकड़े गए दो पाकिस्तानी आतंकियों ने खुद बताया कि कैसे ISI और मौलवियों ने उन्हें झूठ फैलाकर भारत भेजा। जानिए उनका अनुभव और जिहाद की हकीकत।


कुपवाड़ा 2009: एक अनुभव जिसने जिहाद का सच उजागर कर दिया

साल 2009 की बात है जब मैं कुपवाड़ा में पोस्टेड था। हमारी यूनिट्स ने दो पाकिस्तानी आतंकियों को जिंदा पकड़ने में सफलता पाई। यह कोई आम गिरफ्तारी नहीं थी, बल्कि इसने आतंकवाद के पीछे के झूठे नैरेटिव और पाकिस्तान की रणनीति का कच्चा चिट्ठा खोल कर रख दिया।

कैसे बहलाए गए मासूम पाकिस्तानी युवक?

पकड़े गए आतंकवादी पाकिस्तान के बेहद गरीब परिवारों से थे। उन्होंने खुद कबूल किया कि कैसे ISI और कुछ कट्टरपंथी मौलवियों ने उन्हें बहकाकर जिहाद की राह पर धकेला। उन्हें बताया गया कि:

  • भारतीय सेना एक "हिंदू सेना" है जो मुस्लिम बच्चों को संगीन पर टांग देती है।
  • भारतीय सैनिक मुस्लिम औरतों का रेप करते हैं।
  • भारत में अज़ान पर पाबंदी है और मुसलमानों को धार्मिक आज़ादी नहीं है।

भारत में सच से हुआ सामना

जब ये युवक कश्मीर में घुसे और कुछ दिन जंगलों में छिपकर बिताए, तो धीरे-धीरे उन्हें सच्चाई का एहसास होने लगा। उन्होंने लोकल कश्मीरियों से बात की, मस्जिदों से अज़ान सुनी और देखा कि मुसलमान भारत में शांति और सम्मान से रह रहे हैं।

जब आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण को चुना

यह एहसास इतना गहरा था कि उन्होंने खुद को भारतीय सेना के हवाले कर दिया। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें 72 हूरों का लालच और भारत के खिलाफ झूठा ज़हर देकर एक फर्ज़ी जिहाद में झोंका गया था।

पाकिस्तान का असली चेहरा

यह कोई पहला या आखिरी मामला नहीं है। पाकिस्तान की सेना, राजनेता और मौलवी अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ने भेजते हैं, उन्हें बिज़नेस या कॉर्पोरेट नौकरियों में लगाते हैं। लेकिन गरीब युवाओं को हथियार पकड़ाकर भारत में आतंक फैलाने भेज देते हैं।

आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता

एक अहम बात ये है: आतंकवादी चाहे किसी भी देश, धर्म या जाति का हो—वह सिर्फ आतंकवादी होता है। और भारत की सुरक्षा बलों की ज़िम्मेदारी है कि वे उनका "सफर जन्नत तक" पूरा कर दें।

140 करोड़ भारतीयों की एकजुटता ही जवाब है

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को एकजुट रहना होगा। हमें अपने देश की सेना, पुलिस और केंद्रीय सरकार के हर कदम का पूर्ण समर्थन करना चाहिए। यही देशभक्ति है, यही मानवता है।


आलोक राज
अध्यक्ष, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड



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