क्या लाल दंत मंजन से होता है कैंसर? जानिए सच्चाई और डॉक्टरों की राय

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लाल दंत मंजन से कैंसर होने का दावा कितना सच है? जानिए डॉक्टरों की राय, सामग्री की जांच और न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट पर सच्ची जानकारी।


लाल दंत मंजन से कैंसर: अफ़वाह या सच्चाई?

हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ न्यूज़ चैनलों पर यह खबर तेज़ी से वायरल हो रही है कि लाल दंत मंजन के इस्तेमाल से कैंसर हो सकता है। इस दावे से लोगों में डर और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में ज़रूरी है कि हम इस मुद्दे की सच्चाई को वैज्ञानिक और तथ्यात्मक आधार पर समझें।


लाल दंत मंजन में क्या होता है?

कई कंपनियाँ अपने लाल मंजन में निम्नलिखित तत्व इस्तेमाल करती हैं:

  • कृत्रिम रंग (Artificial Colors)
  • सोडियम बाइकार्बोनेट
  • तंबाकू और सफ़ेद सिका (कुछ लोकल ब्रांड्स में)
  • तेज़ केमिकल्स जो दांतों को क्षणिक सफ़ेदी देते हैं

यदि किसी मंजन में तंबाकू या कैंसरकारी रसायन मिले हों, तो उसका लगातार इस्तेमाल निश्चित ही मुँह के कैंसर (Oral Cancer) का कारण बन सकता है।


डॉक्टरों की राय

मुंह, गले और दांतों के विशेषज्ञों का कहना है कि:

“कोई भी उत्पाद जिसमें तंबाकू, हार्श केमिकल्स या बिना जांचे रंग मिलाए गए हों, वह लंबे समय में नुकसानदायक हो सकता है। लोकल ब्रांड्स खासतौर पर बिना किसी सरकारी परीक्षण के मार्केट में आते हैं, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।”


न्यूज़ चैनल की भूमिका: सच्चाई की खोज

हाल के समय में कुछ जिम्मेदार न्यूज़ चैनलों ने यह मुद्दा उठाया और लोकल बाजार में बिकने वाले मंजन के सैंपल लैब में भेजे। रिपोर्ट्स में कई उत्पादों में हानिकारक तत्वों की पुष्टि हुई।

हालाँकि, न्यूज़ चैनल पर लगाए जा रहे आरोप कि वो झूठ फैला रहे हैं, तथ्यात्मक नहीं हैं। पत्रकारिता का काम है जनता को जागरूक करना — और अगर कोई ब्रांड या उत्पाद जनता की सेहत से खिलवाड़ कर रहा है, तो उसे सामने लाना मीडिया की जिम्मेदारी है।


चेतावनी: उपभोक्ताओं के लिए जरूरी सूचना

  • किसी भी अनब्रांडेड या बहुत सस्ते लाल दंत मंजन का प्रयोग न करें।
  • केवल FSSAI या आयुष मंत्रालय द्वारा प्रमाणित उत्पाद ही उपयोग करें।
  • अगर मुँह में लगातार छाले, जलन या सफेद दाग़ हो, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।
  • बच्चों और बुज़ुर्गों को ऐसे उत्पादों से दूर रखें।

नोट:- 

हर लाल मंजन से कैंसर नहीं होता — लेकिन बिना प्रमाणिकता वाले उत्पादों से सावधानी बेहद जरूरी है। न्यूज़ चैनलों की भूमिका जागरूकता फैलाने की है, न कि डर फैलाने की। इसलिए आरोप लगाने से पहले तथ्यों को परखें।


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