निजी विद्यालयों के लिए राजस्थान सरकार के दिशा-निर्देश: अभिभावकों को मिलेगी राहत
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शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों के लिए जारी किए नए नियम
राजस्थान सरकार के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री श्री मदन दिलावर ने निजी विद्यालयों को लेकर कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और अभिभावकों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माने जा रहे हैं।
अब निजी विद्यालय नहीं बना सकेंगे किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव
किताबों की सूची पहले से होगी सार्वजनिक
अब सभी निजी विद्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे केवल संबद्ध बोर्ड द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रम की पुस्तकें ही छात्रों को पढ़ाएं। साथ ही, पुस्तकों की सूची (लेखक, प्रकाशक और मूल्य सहित) सत्र शुरू होने से एक माह पूर्व विद्यालय की वेबसाइट या नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करनी होगी।
यूनिफॉर्म और अन्य सामग्री खुले बाजार में उपलब्ध होगी
विद्यालय द्वारा निर्धारित यूनिफॉर्म, टाई, जूते, कापियां आदि खुले बाजार से खरीदने की आज़ादी होगी। इसके अतिरिक्त, यूनिफॉर्म पांच वर्षों तक अपरिवर्तित रखी जाएगी ताकि अभिभावकों पर हर साल खर्च का बोझ न पड़े।
छात्रों और अभिभावकों पर दबाव डालना होगा प्रतिबंधित
- किसी भी शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित नहीं किया जाएगा।
- किसी विशेष दुकान से सामग्री खरीदने का दबाव नहीं बनाया जाएगा।
- विद्यालय परिसर में बिक्री के लिए छात्रों या अभिभावकों को मजबूर नहीं किया जाएगा।
तीन अलग-अलग दुकानों पर होनी चाहिए सामग्री उपलब्ध
निजी विद्यालयों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पुस्तकें और यूनिफॉर्म कम से कम तीन विक्रेताओं के पास उपलब्ध हों। इससे अभिभावकों को कीमत और गुणवत्ता की तुलना करके अपनी सुविधानुसार खरीदारी करने का विकल्प मिलेगा।
अभिभावकों को मिलेगी बड़ी राहत
राजस्थान सरकार का यह कदम शिक्षा क्षेत्र में लाभकारी और न्यायसंगत वातावरण बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। इससे शोषण और मनमानी पर लगाम लगेगी और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ हो सकेगी।