फ्लोरिडा (अमेरिका) से आई इस खबर ने सभ्यता की कब्र पर आखिरी कील ठोंक दी है। वेबस्टर इलाके में एक प्रेमी जोड़ा कब्रिस्तान में सेक्स करता पकड़ा गया। जी हाँ, वो भी दिनदहाड़े! पुलिस ने जब उन्हें रोका, तो पता चला कि उनकी कार से ड्रग्स भी बरामद हुए हैं।
अब सवाल ये उठता है – क्या "फ्रीडम" का मतलब यही है?
कब्रिस्तान, जहाँ लोग अपने प्रियजनों की आत्मा को श्रद्धांजलि देने जाते हैं, वहाँ इस तरह की हरकतें क्या इंसानियत को शर्मसार नहीं करतीं?अगर यही घटना भारत में हुई होती…
तो एक तरफ धार्मिक भावनाएँ आहत होतीं, दूसरी तरफ "मॉरल पुलिसिंग" का तंज कसने वाले कुछ लोग खड़े हो जाते।
फिर बहस होती – प्यार पाप है या अधिकार?
लेकिन क्या "प्यार" के नाम पर पवित्र स्थलों की गरिमा को रौंदना सही है?
ड्रग्स और सेक्स – ये पश्चिमी 'लाइफस्टाइल' अब ग्लैमर नहीं, खतरे की घंटी है।
जो समाज कब्रों का भी सम्मान नहीं करता, वहाँ की "आजादी" पर दोबारा सोचने की ज़रूरत है।प्रगति न्यूज़ की दो टूक:
सभ्यता के नाम पर चल रहे इस 'नंगापन' को अब रोकना होगा। आज अमेरिका है, कल हमारे दरवाज़े पर यही अराजकता न खड़ी हो जाए – इसके लिए समाज को सजग होना होगा।