घटना तब घटी जब उद्घाटन समारोह में कांग्रेस विधायक ने भाजपा नेता से कैंची छीन ली और आईजी से कहा, "आप फीता काटिए, यह कौन?" इस पर भाजपा नेता ने आपत्ति जताई और दोनों के बीच तीखी बहस हो गई। मामला तूल पकड़ता इससे पहले आईजीपी ने स्थिति को संभाला और चुने हुए विधायक से ही फीता कटवाया, जिससे विवाद खत्म हुआ।
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सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
इस घटना पर सोशल मीडिया यूजर्स मजेदार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। किसी ने लिखा, "विधायक जी ने दिखा दिया कि असली ताकत किसकी होती है!" तो कुछ ने पुलिस की भूमिका की तारीफ की कि उन्होंने माहौल को बिगड़ने नहीं दिया। वहीं, भाजपा समर्थकों ने इसे "तानाशाही रवैया" करार दिया।
एक यूजर ने चुटकी लेते हुए लिखा, "नेता जी की कल्प लगी, ड्रेस कोई काम नहीं आई!" तो वहीं दूसरे ने कहा, "भाजपा-कांग्रेस के झगड़े में जनता बस तमाशा देख रही है।"
राजनीतिक बयानबाज़ी शुरू
घटना के बाद भाजपा नेताओं ने कांग्रेस विधायक पर तंज कसते हुए कहा कि यह "सत्ता का अहंकार" है। वहीं, कांग्रेस समर्थकों ने जवाब देते हुए कहा कि "विधायक जनता का चुना हुआ प्रतिनिधि होता है, ऐसे मौकों पर उन्हीं को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।"
सवाल जो उठ रहे हैं
- क्या सरकारी कार्यक्रमों में विपक्षी नेताओं को समान सम्मान मिलना चाहिए?
- क्या पुलिस अधिकारियों को राजनीतिक हस्तक्षेप से बचना चाहिए?
- क्या ऐसे आयोजनों में पहले से स्पष्ट प्रोटोकॉल तय नहीं होने चाहिए?
बहरहाल, यह घटना सोशल मीडिया पर जमकर ट्रेंड कर रही है और जनता इसे अपने-अपने नजरिए से देख रही है। आपकी राय क्या है?