आगरा, 14 मार्च 2025: उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑर्डिनेंस फैक्ट्री फिरोजाबाद के चार्जमैन रविंद्र को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। रविंद्र के साथ उसके एक साथी को भी पकड़ा गया है। जांच में उसके पास से भारतीय रक्षा उत्पादन से जुड़ी कई गोपनीय रिपोर्टें बरामद हुई हैं, जिसमें ड्रोन तकनीक, गगनयान प्रोजेक्ट और अन्य रक्षा परियोजनाओं की जानकारी शामिल है।
सोशल मीडिया के जरिए ISI एजेंट के संपर्क में था रविंद्र
ATS की जांच में खुलासा हुआ है कि रविंद्र को एक महिला "नेहा शर्मा" नाम की आईडी से लगातार मैसेज और कॉल किए जा रहे थे। जब ATS ने पड़ताल की, तो पता चला कि यह महिला दरअसल ISI एजेंट थी, जो सोशल मीडिया के जरिए भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े लोगों को अपने जाल में फंसा रही थी। रविंद्र भी इस जाल में फंस गया और उसे धीरे-धीरे गोपनीय जानकारियां लीक करने के लिए तैयार कर लिया गया।
ATS को कैसे मिली जानकारी?
भारतीय खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला था कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से कुछ गोपनीय जानकारियां लीक हो रही हैं। इसके बाद ATS ने संदिग्ध लोगों की निगरानी शुरू की और रविंद्र की संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा हुआ। जब उसका मोबाइल डेटा और चैट रिकॉर्ड खंगाला गया, तो उसमें ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की कई गोपनीय रिपोर्टें मिलीं, जिसे वह ISI एजेंट को भेज चुका था।
गिरफ्तारी और आगे की जांच
ATS ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रविंद्र और उसके साथी को आगरा से गिरफ्तार कर लिया। दोनों के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act) और देशद्रोह के तहत मामला दर्ज किया गया है। सुरक्षा एजेंसियां अब यह जांच कर रही हैं कि क्या इस नेटवर्क में और लोग शामिल हैं या फिर कोई और भारतीय रक्षा संस्थान ISI के निशाने पर है।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर
इस गिरफ्तारी के बाद भारतीय रक्षा संस्थानों में सुरक्षा को और मजबूत किया जा रहा है। कर्मचारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से किए जाने वाले साइबर हमलों और जासूसी तकनीकों से सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं।
निष्कर्ष
यह मामला भारतीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि कैसे विदेशी खुफिया एजेंसियां सोशल मीडिया और साइबर माध्यमों का इस्तेमाल करके गोपनीय जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, ATS की मुस्तैदी से एक बड़ी जासूसी साजिश का पर्दाफाश हो गया है। अब सुरक्षा एजेंसियां यह सुनिश्चित करने में जुटी हैं कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न दोहराई जाएं।