टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ अभियान में सामुदायिक भागीदारी की अहम भूमिका: पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा

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टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ अभियान में सामुदायिक भागीदारी की अहम भूमिका: पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा
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अलवर जिले की 231 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित कर सम्मानित किया गया

जयपुर, 23 मार्च 2025 – विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस के अवसर पर अलवर जिले के प्रताप ऑडिटोरियम में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने टीबी मुक्त घोषित 231 ग्राम पंचायतों के सरपंचों, प्रशासकों और ग्राम स्तरीय कार्मिकों को प्रशस्ति पत्र एवं महात्मा गांधी की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया।


टीबी मुक्त भारत अभियान की आवश्यकता

टीबी (क्षय रोग) एक संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। इसे खत्म करने के लिए भारत सरकार ने 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है।

मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया टीबी मुक्त भारत अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य समुदाय की भागीदारी को बढ़ाकर टीबी रोगियों को उपचार और पोषण सहायता प्रदान करना है। उन्होंने सक्षम लोगों से "निक्षय मित्र" बनने और टीबी रोगियों की मदद के लिए आगे आने की अपील की।


टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों को मिला सम्मान

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि राज्य स्तर पर संचालित टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के तहत 2024 में जिले की 231 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया। ये सभी पंचायतें सरकार द्वारा निर्धारित 6 मापदंडों को पूरा करने में सफल रही हैं।

पुरस्कार वितरण

  • 2024 में 231 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित कर कांस्य पुरस्कार दिया गया।
  • पहले से टीबी मुक्त घोषित ग्राम पंचायतों को रजत पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • 2023 में 30 ग्राम पंचायतें और 2022 में 6 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित की गई थीं।

टीबी उन्मूलन के लिए सरकार और समुदाय की भूमिका

1. सामुदायिक सहयोग अनिवार्य

मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि टीबी हारेगा, देश जीतेगा का लक्ष्य तभी हासिल किया जा सकता है जब समाज के हर वर्ग की इसमें सक्रिय भागीदारी हो। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।

2. निक्षय मित्र योजना

टीबी रोगियों को अतिरिक्त पोषण और चिकित्सा सहायता देने के लिए सरकार ने "निक्षय मित्र योजना" शुरू की है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति, संस्था या संगठन टीबी मरीजों की सहायता कर सकता है।

3. टीबी से बचाव और उपचार

  • टीबी से बचने के लिए शुरुआती लक्षणों को पहचानें (लगातार खांसी, वजन कम होना, रात को पसीना आना आदि)।
  • सरकार द्वारा मुफ्त जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध है।
  • टीबी के मरीजों को 6-9 महीने की दवा पूरी करनी चाहिए, जिससे संक्रमण पूरी तरह खत्म हो सके।


टीबी उन्मूलन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता और ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी सराहनीय है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है बल्कि देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगी।

सरकार, स्वास्थ्य विभाग और समुदाय की संयुक्त भागीदारी से ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ का लक्ष्य जल्द ही पूरा किया जा सकेगा।



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