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रिपोर्टिंग लक्ष्मण सिंह जाटव |
खैरथल-तिजारा। महिलाओं की सुरक्षा और न्यायिक सहायता को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने रसगन मोड़ पर अंबेडकर छात्रावास के पास महिला थाना स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह कदम महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने और उन्हें त्वरित न्याय दिलाने में सहायक साबित होगा।
महिला थाना की आवश्यकता क्यों पड़ी?
खैरथल-तिजारा क्षेत्र में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखते हुए लंबे समय से महिला थाना खोलने की मांग की जा रही थी। घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, छेड़छाड़ और लैंगिक भेदभाव से जुड़ी शिकायतों को दर्ज कराने के लिए महिलाओं को दूर-दराज के थानों में जाना पड़ता था। इस नई पहल से अब पीड़िताओं को स्थानीय स्तर पर ही न्याय मिल सकेगा।
महिला थाना की विशेषताएं
यह महिला थाना अन्य थानों से कुछ मायनों में अलग और अधिक सुविधाजनक होगा:
✅ महिला पुलिस अधिकारी होंगी तैनात: शिकायत दर्ज करने और जांच करने के लिए प्रशिक्षित महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की जाएगी।
✅ सुरक्षित और गोपनीय माहौल: महिलाएं बिना किसी डर के अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगी।
✅ त्वरित कार्रवाई: अपराध की गंभीरता के अनुसार शीघ्र न्यायिक प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
✅ कानूनी सहायता और काउंसलिंग: पीड़ित महिलाओं को मुफ्त कानूनी सलाह और मनोवैज्ञानिक सहायता दी जाएगी।
✅ डिजिटल शिकायत प्रणाली: महिलाएं ऑनलाइन भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगी।
महिला थाना से क्या बदलाव आएंगे?
इस थाने के खुलने से न केवल महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि अपराधियों में भी भय पैदा होगा। महिला सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
प्रशासन का क्या कहना है?
प्रशासन का कहना है कि महिला थाना खुलने से अपराध नियंत्रण में तेजी आएगी। अधिकारियों के मुताबिक, जल्द ही थाने का उद्घाटन किया जाएगा और पूर्ण रूप से संचालन शुरू होगा।
स्थानीय महिलाओं की प्रतिक्रिया
स्थानीय महिलाओं ने इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें शिकायत दर्ज कराने में किसी प्रकार की हिचकिचाहट नहीं होगी और वे खुद को अधिक सुरक्षित महसूस करेंगी।
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खैरथल-तिजारा में महिला थाना स्थापित होना महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे महिलाओं को न केवल सुरक्षा मिलेगी बल्कि न्यायिक प्रक्रियाओं तक उनकी आसान पहुंच भी सुनिश्चित होगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पहल से क्षेत्र में महिला सुरक्षा को लेकर कितना बदलाव आता है।