नई दिल्ली। सरकार ने साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर सख्ती दिखाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के तहत डिजिटल धोखाधड़ी और साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए 83,668 वॉट्सऐप अकाउंट और 3,962 स्काइप आईडी ब्लॉक किए गए हैं। इसके अलावा, 7.81 लाख से अधिक सिम कार्ड और 2.08 लाख से ज्यादा IMEI नंबर भी ब्लॉक किए गए हैं।
कैसे होती है डिजिटल धोखाधड़ी?
डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। ठग फोन कॉल, वॉट्सऐप और स्काइप जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों को ठगते हैं। फिशिंग, स्पूफिंग, ऑनलाइन फ्रॉड, बैंक धोखाधड़ी और डिजिटल लोन ऐप से जुड़े घोटाले आज आम हो गए हैं।
सरकार की सख्त कार्रवाई
सरकार ने I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) के तहत एक विशेष अभियान चलाकर डिजिटल अपराधियों पर शिकंजा कसा है। इस दौरान कई फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट, स्काइप आईडी, सिम कार्ड और IMEI नंबर ट्रैक कर ब्लॉक किए गए।
साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए उठाए गए कदम
- साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) के जरिए नागरिक ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत कर सकते हैं।
- I4C के तहत डिजिटल निगरानी और फर्जी अकाउंट्स पर नजर रखी जा रही है।
- बैंकों और टेलीकॉम कंपनियों को सतर्क रहने और संदिग्ध लेन-देन की रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
- फेक सिम और डिजिटल धोखाधड़ी रोकने के लिए KYC प्रक्रिया को सख्त बनाया गया है।
आगे की राह
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि साइबर अपराध को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि वे ऑनलाइन ठगी का शिकार न हों।
अगर आप भी किसी साइबर अपराध का शिकार होते हैं, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।