राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर में फिर हुआ पेपर लीक

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राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर में फिर हुआ पेपर लीक

अलवर: राजस्थान के राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय में पेपर लीक की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सोमवार को प्रथम सेमेस्टर की कंप्यूटर परीक्षा का पेपर परीक्षा से एक घंटे पहले, सुबह 11 बजे, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम के विभिन्न समूहों पर वायरल हो गया। यह मामला छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

लगातार लीक हो रहे हैं प्रश्नपत्र

विश्वविद्यालय में यह पहला मामला नहीं है, बल्कि जूलॉजी सेमेस्टर-1, मैथ्स सेमेस्टर-1, भूगोल सेमेस्टर-3 और हिंदी के पेपर भी परीक्षा से पहले लीक होने की खबरें सामने आई हैं। विभिन्न सोशल मीडिया ग्रुप्स में प्रश्नपत्र साझा किए जा रहे हैं, जिससे परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।

छात्रों से 500 रुपये लेकर जोड़े गए ग्रुप में

सूत्रों के अनुसार, इन टेलीग्राम और इंस्टाग्राम ग्रुप्स में शामिल होने के लिए छात्रों से 500 रुपये तक की राशि वसूली गई। देहलाबास, किशनगढ़ और बानसूर सहित कई अन्य क्षेत्रों के विद्यार्थी इन ग्रुप्स में जुड़े हुए थे। इससे स्पष्ट होता है कि यह सिर्फ एक संयोग नहीं बल्कि संगठित स्तर पर चल रही गतिविधि हो सकती है।

विश्वविद्यालय प्रशासन पर उठ रहे सवाल

लगातार हो रहे पेपर लीक मामलों के कारण विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हर बार पेपर लीक की घटनाएं सामने आने के बावजूद ठोस कार्रवाई नहीं होने से यह समस्या गंभीर होती जा रही है।

विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में

पेपर लीक की घटनाएं ईमानदार छात्रों के भविष्य के लिए नुकसानदायक साबित हो रही हैं। मेहनत करने वाले छात्र इस प्रकार की घटनाओं से हतोत्साहित हो रहे हैं, जिससे शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

प्रशासन की अगली कार्रवाई क्या होगी?

पेपर लीक की घटनाओं पर विश्वविद्यालय प्रशासन को तुरंत जांच शुरू करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। परीक्षा की निष्पक्षता और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है

निष्कर्ष

अलवर के राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय में बार-बार हो रहे पेपर लीक से शिक्षा व्यवस्था की साख पर सवाल उठ रहे हैं। प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।

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