कार्यशाला के दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने बताया की जिस प्रकार से सरकार के अन्य कार्यक्रम चल रहे वैसे ही तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का भी संचालन प्रभावी तरीके से किया जाना चाहिए।साथ ही जिले के सभी विभागीय अधिकारियों के द्वारा तंबाकू नियंत्रण हेतु सहयोग किया जाना आवश्यक हैं ।
शिक्षित रोजगार केंद्र प्रबंधक समिति जयपुर के राज्य समन्वयक हिरेन्द्र सेवदा ने बताया कोटपा एक्ट 2003 के अंतर्गत निम्न धाराओं के प्रावधान किए गए हैं जिसमें धारा-4 सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध। यदि कोई इस प्रावधान का उल्लंघन करता है तो उसे 200 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। धारा-5 सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध। पहले अपराध पर 1,000 रुपए तक का जुर्माना या 2 वर्ष तक का कारावास या दोनों का प्रावधान है। यदि अपराध दोहराया जाता है, तो 5,000 रुपए तक का जुर्माना या 5 वर्ष तक का कारावास या दोनों का दंड दिया जा सकता है।
धारा-6अ,ब के अंतर्गत अठारह वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को तंबाकू उत्पाद बेचना और निर्धारित क्षेत्र में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध। इस उल्लंघन पर 200 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। धारा-7 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद के मुख्य भाग पर 85 प्रतिशत चित्रात्मक स्वास्थ्य चेतावनी होनी चाहिए, बिना वैधानिक चेतावनी के सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है। यदि विनिर्माता ऐसा करता है, तो पहले अपराध पर 5,000 रुपए तक का जुर्माना या 2 वर्ष तक का कारावास या दोनों हो सकता है।
यदि अपराध दोहराया जाता है, तो 10,000 रुपए तक का जुर्माना या 5 वर्ष तक कारावास का प्रावधान है। इसी क्रम मे किशोर न्याय अधिनियम की धारा-77 के तहत बालक बच्चों को मादक पदार्थ या तंबाकू उत्पाद का सेवन कराने पर 7 वर्ष तक की कठोर कैद और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। हुक्का बार पर रोक व ई-सिगरेट अधिनियम 2019 के बारे मे भी विस्तार से जानकारी दी गईं।