साल 2013 का बलात्कार मामला
आसाराम के खिलाफ यह मामला साल 2013 में दर्ज हुआ था, जब दिल्ली पुलिस ने जोधपुर के उनके आश्रम में 16 वर्षीय लड़की से बलात्कार के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया था। जोधपुर की विशेष अदालत ने उन्हें यौन उत्पीड़न के आरोप में दोषी ठहराया और आसाराम को POCSO एक्ट और SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत सजा सुनाई थी। वे साल 2013 से जेल में बंद है।
आजीवन कारावास की सजा और निलंबन की याचिका
इसके बाद, आसाराम ने गांधीनगर सत्र न्यायालय द्वारा साल 2023 में सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने के लिए याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से जवाब मांगा और केवल मेडिकल आधार पर इस याचिका की जांच करने की बात कही। हालांकि, इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
आध्यात्मिक साम्राज्य और गिरती साख
आसाराम बापू का नाम एक समय देशभर में प्रसिद्ध था। वे 1970 के दशक में अहमदाबाद के साबरमती नदी के किनारे स्थित अपने पहले आश्रम के साथ एक बड़ी धार्मिक और व्यावासिक साम्राज्य की नींव रख चुके थे। उनकी संस्था का देशभर में कई आश्रमों के रूप में विस्तार हुआ था और उनके द्वारा बेचे जाने वाले आध्यात्मिक उत्पादों और साहित्य का व्यापार भी काफी फला-फूला था। लेकिन अब उनके ऊपर लगे आरोपों और सजा ने उनकी छवि को बुरी तरह प्रभावित किया है।