बच्चों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर अकेला न छोड़ें क्योंकि यहां सक्रिय हैं बच्चों को बरगलाकर उनका शोषण करने वाले Online Predators.

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बच्चों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर अकेला न छोड़ें क्योंकि यहां सक्रिय हैं बच्चों को बरगलाकर उनका शोषण करने वाले Online Predators. 

आपकी जागरुकता ही इस समस्या का समाधान है। बच्चों से खुलकर चर्चा करें, सुरक्षा के कदम उठाएं और बच्चों को ऑनलाइन व्यवहार के बारे में समझाएं। 

आपको बता दें कि ऑनलाइन प्रीडेटर्स वे लोग होते हैं जो इंटरनेट पर दूसरों को धोखा देकर उनका शोषण करने की कोशिश करते हैं, खासकर बच्चों और युवाओं का।

Online Predators की शिकायत www.cybercrime.gov.in या 1930 पर करें। 

सुरक्षा उपाय व बच्चो से बात कैसे करें?


बच्चों के ऑनलाइन एक्टिविटी की निगरानी करना।

आजकल के डिजिटल युग में बहुत जरूरी है। यहाँ कुछ तरीके हैं जिनका उपयोग आप बच्चों के ऑनलाइन एक्टिविटी की निगरानी करने के लिए कर सकते हैं:

  1. पैरेंटल कंट्रोल सॉफ्टवेयर: आप पैरेंटल कंट्रोल सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकते हैं जो आपको बच्चों के ऑनलाइन एक्टिविटी की निगरानी करने में मदद करता है। ये सॉफ्टवेयर आपको यह देखने में मदद करते हैं कि बच्चे ऑनलाइन क्या कर रहे हैं, और आप उन्हें कुछ वेबसाइटों या ऐप्स तक पहुँचने से रोक सकते हैं।
  2. ब्राउज़र एक्सटेंशन: आप ब्राउज़र एक्सटेंशन का उपयोग कर सकते हैं जो आपको बच्चों के ऑनलाइन एक्टिविटी की निगरानी करने में मदद करते हैं। ये एक्सटेंशन आपको यह देखने में मदद करते हैं कि बच्चे ऑनलाइन क्या कर रहे हैं, और आप उन्हें कुछ वेबसाइटों या ऐप्स तक पहुँचने से रोक सकते हैं।
  3. फायरवॉल: आप फायरवॉल का उपयोग कर सकते हैं जो आपको बच्चों के ऑनलाइन एक्टिविटी की निगरानी करने में मदद करता है। फायरवॉल आपको यह देखने में मदद करता है कि बच्चे ऑनलाइन क्या कर रहे हैं, और आप उन्हें कुछ वेबसाइटों या ऐप्स तक पहुँचने से रोक सकते हैं।
  4. मोबाइल डिवाइस पर पैरेंटल कंट्रोल: आप मोबाइल डिवाइस पर पैरेंटल कंट्रोल का उपयोग कर सकते हैं जो आपको बच्चों के ऑनलाइन एक्टिविटी की निगरानी करने में मदद करता है। यह आपको यह देखने में मदद करता है कि बच्चे ऑनलाइन क्या कर रहे हैं, और आप उन्हें कुछ वेबसाइटों या ऐप्स तक पहुँचने से रोक सकते हैं।
  5. बच्चों के साथ बातचीत: सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप बच्चों के साथ बातचीत करें और उन्हें ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में शिक्षित करें। उन्हें यह समझाएं कि ऑनलाइन क्या सुरक्षित है और क्या नहीं, और उन्हें ऑनलाइन सुरक्षा के लिए कुछ नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें।

अपने डिवाइस में शख्त प्राइवेसी सेटिंग लगाने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  • मोबाइल डिवाइस के लिए

  1. लोकेशन सेवाएं: अपने मोबाइल डिवाइस की सेटिंग में जाएं और लोकेशन सेवाएं बंद कर दें।
  2. एप्लिकेशन अनुमतियां: अपने मोबाइल डिवाइस की सेटिंग में जाएं और एप्लिकेशन अनुमतियों को सीमित करें।
  3. डेटा संग्रहण: अपने मोबाइल डिवाइस की सेटिंग में जाएं और डेटा संग्रहण को सीमित करें।
  4. विज्ञापन ट्रैकिंग: अपने मोबाइल डिवाइस की सेटिंग में जाएं और विज्ञापन ट्रैकिंग को बंद कर दें।
  5. फिंगरप्रिंट और फेस अनलॉक: अपने मोबाइल डिवाइस की सेटिंग में जाएं और फिंगरप्रिंट और फेस अनलॉक को सुरक्षित बनाएं।

  • कंप्यूटर के लिए
  1. वेब ब्राउज़र सेटिंग्स: अपने वेब ब्राउज़र की सेटिंग्स में जाएं और प्राइवेसी सेटिंग्स को सीमित करें।
  2. कुकीज़ और ट्रैकिंग: अपने वेब ब्राउज़र की सेटिंग्स में जाएं और कुकीज़ और ट्रैकिंग को बंद कर दें।
  3. फ़ायरवॉल: अपने कंप्यूटर पर फ़ायरवॉल स्थापित करें और इसे सक्रिय करें।
  4. एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर: अपने कंप्यूटर पर एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर स्थापित करें और इसे नियमित रूप से अपडेट करें।
  5. ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट्स: अपने कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट करें।

  • सामान्य सेटिंग्स

  1. पासवर्ड: अपने सभी खातों के लिए मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें।
  2. दो-कारक प्रमाणीकरण: अपने खातों में दो-कारक प्रमाणीकरण को सक्रिय करें।
  3. प्राइवेसी पॉलिसी: अपने खातों की प्राइवेसी पॉलिसी को पढ़ें और समझें।
  4. सोशल मीडिया सेटिंग्स: अपने सोशल मीडिया खातों की सेटिंग्स को सीमित करें।
  5. ऑनलाइन गतिविधि: अपनी ऑनलाइन गतिविधि को नियमित रूप से मॉनिटर करें।

  • बिल्कुल! बच्चों के व्यवहार बदलने पर उनसे खुलकर बात करना बहुत जरूरी है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं कि आप बच्चों के व्यवहार बदलने पर उनसे खुलकर बात कैसे कर सकते हैं:

  1. समय और स्थान चुनें: बच्चों से बात करने के लिए एक उपयुक्त समय और स्थान चुनें। जब बच्चे तनावमुक्त और आराम से हों, तभी उनसे बात करें।
  2. व्यवहार को पहचानें: बच्चों के व्यवहार को पहचानें और उन्हें बताएं कि आप उनके व्यवहार में क्या बदलाव देख रहे हैं।
  3. कारण पूछें: बच्चों से पूछें कि उन्होंने ऐसा व्यवहार क्यों दिखाया। इससे आपको उनके विचारों और भावनाओं को समझने में मदद मिलेगी।
  4. समाधान ढूंढें: बच्चों के साथ मिलकर समाधान ढूंढें। उन्हें बताएं कि आप उनकी मदद करने के लिए तैयार हैं।
  5. प्रोत्साहन दें: बच्चों को प्रोत्साहन दें और उन्हें बताएं कि आप उनके प्रयासों की सराहना करते हैं।
  6. नियमित बातचीत: बच्चों के साथ नियमित बातचीत करें और उन्हें बताएं कि आप उनके व्यवहार में क्या बदलाव देख रहे हैं।

  • उदाहरण के लिए, यदि आपका बच्चा स्कूल में देर से आने लगा है, तो आप उनसे इस प्रकार बात कर सकते हैं:

"बेटा, मैंने देखा है कि तुम स्कूल में देर से आ रहे हो। क्या तुम मुझे बता सकते हो कि ऐसा क्यों हो रहा है? क्या तुम्हें स्कूल जाने में कोई समस्या हो रही है? मैं तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार हूं। आइए हम मिलकर समाधान ढूंढें।"

बच्चों को ऑनलाइन व्यवहार के बारे में समझाना बहुत जरूरी है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं कि आप बच्चों को ऑनलाइन व्यवहार के बारे में कैसे समझा सकते हैं:

  • ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में समझाएं
  1. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: बच्चों को समझाएं कि वे ऑनलाइन अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें, जैसे कि नाम, पता, फोन नंबर आदि।
  2. अज्ञात लोगों से बात न करें: बच्चों को समझाएं कि वे ऑनलाइन अज्ञात लोगों से बात न करें, और यदि कोई अज्ञात व्यक्ति उनसे बात करने की कोशिश करता है, तो वे तुरंत आपको बताएं।
  3. संदिग्ध लिंक और ईमेल से सावधान रहें: बच्चों को समझाएं कि वे संदिग्ध लिंक और ईमेल से सावधान रहें, और यदि कोई लिंक या ईमेल संदिग्ध लगता है, तो वे उसे न खोलें।
  4. पासवर्ड सुरक्षित रखें: बच्चों को समझाएं कि वे अपने पासवर्ड सुरक्षित रखें, और उन्हें कभी भी किसी के साथ साझा न करें।

  • ऑनलाइन व्यवहार के बारे में समझाएं

  1. सम्मानजनक व्यवहार: बच्चों को समझाएं कि वे ऑनलाइन सम्मानजनक व्यवहार करें, और दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करें।
  2. गाली-गलौज से बचें: बच्चों को समझाएं कि वे ऑनलाइन गाली-गलौज से बचें, और यदि कोई व्यक्ति उन्हें गाली देता है, तो वे उसे अनदेखा करें।
  3. साइबरबुलिंग से बचें: बच्चों को समझाएं कि वे ऑनलाइन साइबरबुलिंग से बचें, और यदि कोई व्यक्ति उन्हें साइबरबुलिंग करता है, तो वे तुरंत आपको बताएं।
  4. ऑनलाइन दोस्ती से सावधान रहें: बच्चों को समझाएं कि वे ऑनलाइन दोस्ती से सावधान रहें, और यदि कोई व्यक्ति उन्हें ऑनलाइन दोस्ती करने की कोशिश करता है, तो वे तुरंत आपको बताएं।

  • ऑनलाइन सुरक्षा के लिए साधनों का उपयोग करें

  1. पैरेंटल कंट्रोल सॉफ्टवेयर: पैरेंटल कंट्रोल सॉफ्टवेयर का उपयोग करें जो आपको बच्चों के ऑनलाइन गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  2. फ़ायरवॉल: फ़ायरवॉल का उपयोग करें जो आपको बच्चों के ऑनलाइन गतिविधियों को सुरक्षित करने में मदद करता है।
  3. एंटीवायरस सॉफ्टवेयर: एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें जो आपको बच्चों के ऑनलाइन गतिविधियों को सुरक्षित करने में मदद करता है।
Online Predators की शिकायत www.cybercrime.gov.in या 1930 पर करें। 

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