मृत्युभोज अभिशाप है यह एक कुरीति है समाज के निम्नवर्ग के लोगों को पतन की और धकेलती है > अमीर लोगों का है फैशन : ताराचन्द खोयड़ावाल

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मृत्युभोज जैसी कुरीति पूरी तरह से बन्द होनी चाहिए क्या आप लोग नही चाहते मृत्युभोज जैसी कुरीति को बन्द करना, ऐसी कुरीतियां समाज व गरीब वर्ग के लोगों की उन्नति में अवरोधक हैं,गरीब वर्ग के लोग सामाजिक दबाव की वजह से नही कर पाते हैं विरोध, 

वैसे कानूनन अपराध भी है फिर भी नही बन्द हो पाती है ऐसी कुरीति, 

बच्चों के द्वारा एक वीडियो बनाया गया है उस वीडियो में बहुत ही शानदार तरीके से लोगों को समझाने का कार्य किया है

मृत्युभोज जैसी कुरीति से गरीब वर्ग के लोग कई कारणों से नहीं निकल पाते हैं बाहर। यहाँ कुछ मुख्य कारण हैं:

  1. आर्थिक स्थिति : गरीब वर्ग के लोग आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, जिससे वे मृत्युभोज जैसी कुरीति को छोड़ने के लिए आवश्यक संसाधनों का अभाव होता है।
  2. सामाजिक दबाव : गरीब वर्ग के लोग अक्सर अपने समुदाय और परिवार के दबाव में रहते हैं, जो मृत्युभोज जैसी कुरीति को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
  3. शिक्षा की कमी : गरीब वर्ग के लोग अक्सर शिक्षा की कमी के कारण मृत्युभोज जैसी कुरीति के पीछे के कारणों को नहीं समझ पाते हैं।
  4. सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताएं : गरीब वर्ग के लोग अक्सर अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं के कारण मृत्युभोज जैसी कुरीति को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
  5. सरकारी सहायता की कमी : गरीब वर्ग के लोग अक्सर सरकारी सहायता की कमी के कारण मृत्युभोज जैसी कुरीति से निकलने में असमर्थ होते हैं।

इन कारणों को दूर करने के लिए, सरकार और समाज को मिलकर काम करना होगा। यहाँ कुछ सुझाव हैं:

  1. शिक्षा और जागरूकता : गरीब वर्ग के लोगों को शिक्षा और जागरूकता प्रदान करना होगा ताकि वे मृत्युभोज जैसी कुरीति के पीछे के कारणों को समझ सकें।
  2. आर्थिक सहायता : गरीब वर्ग के लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करना होगा ताकि वे मृत्युभोज जैसी कुरीति से निकलने में सक्षम हो सकें।
  3. सामाजिक समर्थन : गरीब वर्ग के लोगों को सामाजिक समर्थन प्रदान करना होगा ताकि वे मृत्युभोज जैसी कुरीति से निकलने में सक्षम हो सकें।
  4. सरकारी नीतियाँ : सरकार को मृत्युभोज जैसी कुरीति को रोकने के लिए नीतियाँ बनानी होंगी।

आप निम्न अधिकारियों से संपर्क करके सहायता ले सकते हैं

ग्राम पंचायत ग्राम विकास अधिकारी,सरपंच,नजदीकी थानाअधिकारी,तहसीलदार,उपखण्ड अधिकारी, जिला कलेक्टर आदि।


समाज व नागरिकों के उत्थान में अवरोधक बनने वाली ऐसी कुरीतियों को बंद करने के लिए मजदूर विकास फाउंडेशन की तरफ से जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिसमें आप अपनी भागेदारी सुनिश्चित कर सकते हैं 

आओ हम सभी मिलकर एक उन्नत गांव बनाएँ।

जनजागरूकता अभियान का हिस्सा बनने के लिए 

फॉर्म भरे Click Here



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