राजस्थान पुलिस ने साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए जारी की -एडवाइजरी

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महानिदेशक पुलिस, साइबर क्राइम राजस्थान, हेमंत प्रियदर्शी के मार्गदर्शन में साइबर अपराधों पर अंकुश लगानें एवं आमजन में साइबर अपराधो के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से राज्य में लगातार प्रयास किये जा रहे है। रोजगार के नाम पर साइबर अपराधियों द्वारा पढ़े लिखे व तकनीकी प्रशिक्षित युवाओ का झासा देकर दक्षिण पूर्वी एशियाई देशो में आईटी क्षेत्र में रोजगार के लुभावने अवसर देकर फसाया जा रहा हैं, जहां उन्हे ले जाकर उनके पासपोर्ट व अन्य परिचय पत्र छिने जाकर उन्हे बंधक के तोर पर साइबर गुलाम (स्लेव) बनाकर भाषा के आधार पर भारतीय नागरिको के साथ साइबर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया जाता है।


ऐसे अपराधियों पर प्रभावी कार्यवाही हेतु भारतीय विदेश मंत्रालय व पुलिस एजेंसिया ठोस कदम उठा रही हैं। आमजन से अपेक्षित हैं कि विदेश में रोजगार के संबंध में सावधानी बरते तथा विदेश मंत्रालय में पंजीकृत भर्ती एजेंट द्वारा प्रसारित भर्ती का ही हिस्सा बने व अन्य व्यक्ति/एजेंट द्वारा दिया जा रहा रोजगार का आश्वासन / प्रलोभन अवैध है।


आमजन की जानकारी हेतु भारतीय विदेश मंत्रालय में पंजीकृत एजेंटो की सूची अधिकृत वेबसाइट पर https://www.mea.gov.in/images/attach/03-list-4-2024.pdf पर उपलब्ध हैं, जहां से कोई भी व्यक्ति चैक कर सकता हैं कि उसे रोजगार का आश्वासन देने वाला व्यक्ति पंजीकृत एजेंट है या नहीं।


इस संबंध में यह सूचित किया जाता हैं कि विदेशो में रोजगार के लुभावने ऑफर पर भारतीय विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर https://www.mea.gov.in/images/attach/03-list-4-2024.pdf देखकर ही आवेदन करें। आम जनता को सलाह दी जाती है कि ई-मेल, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम व फेसबुक इत्यादी पर फर्जी लिंक की सूचना साइबर हेल्प लाईन नम्बर 1930, साइबर वेबसाईट https://cybercrime.gov.in एवं निकटतम पुलिस स्टेशन / साइबर पुलिस स्टेशन को देनी चाहिए।

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