पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई: 17 गिरफ्तार यह खबर हाल ही में काफी सुर्खियों में रही है।

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जयपुर। राजस्थान में एक और पेपर लीक कांड ने राज्य की प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राजस्व अधिकारी ग्रेड-II और अधिशाषी अधिकारी वर्ग-IV (स्वायत्त शासन विभाग) प्रतियोगी परीक्षा-2022 में हुए पेपर लीक के मामले ने प्रदेश भर में हलचल मचा दी है। एटीएस और एसओजी की संयुक्त टीम ने 11 अभ्यर्थियों सहित कुल 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लिया गया है, और जांच जारी है।


एटीएस और एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक, वी.के. सिंह ने बताया कि 14 मई 2023 को आयोजित इस महत्वपूर्ण परीक्षा में ब्लूटूथ का उपयोग कर अभ्यर्थियों को नकल करवाई गई थी। इस पूरे षड्यंत्र का मास्टरमाइंड तुलछाराम कालेर है, जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर परीक्षा से पहले पेपर प्राप्त किया और ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए अभ्यर्थियों को उत्तर पहुंचाए।
गिरफ्तार आरोपियों की सूची में कोर्ट और शिक्षा विभाग के कर्मचारी
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में कई सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। ओमप्रकाश, जो वर्तमान में ब्यावर के सीजेएम कोर्ट में एलडीसी के पद पर कार्यरत हैं, इस घोटाले में शामिल पाए गए। अमीलाल, जो बीकानेर के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में दूसरे श्रेणी के अध्यापक के रूप में कार्यरत हैं, भी इस घोटाले का हिस्सा बने। तुलछाराम कालेर के भतीजे की पत्नी भावना, जो शिक्षा विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में कार्यरत हैं, और रामलाल, जो भीलवाड़ा के जेएम कोर्ट में लिपिक के पद पर कार्यरत हैं, भी गिरफ्तार किए गए हैं।
प्रोडक्शन वारंट पर मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी
मुख्य सरगना तुलछाराम कालेर को जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाकर गिरफ्तार किया गया है। उसकी गहरी संलिप्तता और योजना की बारीकियों की जांच चल रही है। अन्य अभियुक्तों से भी गहनता से पूछताछ की जा रही है, जिससे और अधिक खुलासे होने की संभावना है।
बड़े स्तर पर हो सकता है षड्यंत्र
पेपर लीक का यह मामला एक बार फिर राजस्थान की परीक्षाओं की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। इस प्रकरण में न केवल उम्मीदवारों का करियर दांव पर लगा है, बल्कि सरकार की छवि भी दागदार हो रही है। पुलिस और जांच एजेंसियां इस षड्यंत्र के और भी पहलुओं को उजागर करने की कोशिश कर रही हैं, जिससे राज्य में फैले इस नेटवर्क का जड़ से खात्मा किया जा सके।
क्या यह अपराधियों का तंत्र खत्म हो पाएगा?
राजस्थान में यह पेपर लीक की कोई पहली घटना नहीं है। हर बार ऐसे मामले सामने आने के बाद कुछ गिरफ्तारियां होती हैं, लेकिन असल मास्टरमाइंड अक्सर कानून के शिकंजे से बच निकलते हैं। इस बार की जांच क्या सचमुच इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचेगी, यह देखना दिलचस्प होगा
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