SC ने कहा 'जब कोर्ट किसी नाबालिग से जुड़े बंदी प्रत्यक्षीकरण के मुद्दे पर विचार करती है तो वह बच्चे को चल संपत्ति नहीं मान सकती है और कस्टडी से बच्चे पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार किए बिना कस्टडी ट्रांसफर नहीं कर सकती।' ढाई साल की बच्ची मां की मौत के बाद से अपने नाना के पास रह रही थी। उसके पिता द्वारा किए गए कस्टडी केस पर SC ने कहा 'अचानक बच्ची की कस्टडी पिता को देने से बच्ची दुखी हो जाएगी।'