उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा। पहला चरण 23 दिवस का होगा जिसमें उन्हें सैद्धांतिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें 30 सितंबर से 22 अक्टूबर तक प्रतिदिन दो घंटे का ऑनलाइन सेशन होगा जिसमें विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ अपना व्याख्यान देंगे।
शासन सचिव ने बताया कि इस प्रशिक्षण के बाद उन्हें लगभग चार सप्ताह का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा जिसमें प्रत्येक नवनियुक्त पशु चिकित्सा अधिकारी अपने निकटतम पॉलीक्लिनिक अथवा प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय में विभिन्न प्रकार की आवश्यक सर्जिकल प्रक्रियाओं में हैंड्स ऑन ट्रेनिंग प्राप्त कर सकेंगे। दोनों प्रशिक्षणों में प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य रहेगी।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण का तीसरा चरण जयपुर में आयोजित होगा, जहां सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को अपने अनुभव साझा करने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला में बुलाया जाएगा। इस कार्यशाला में उनका लिखित और मौखिक मूल्यांकन भी किया जाएगा। अंतिम दिन उन्हें वेटरिनेरियंस ओथ दिलाई जाएगी।
शासन सचिव ने कहा कि सभी पशु चिकित्सा अधिकारी अपने प्रशिक्षण को गंभीरता से लेते हुए अपने ज्ञान और कौशल में अभिवृद्धि करेंगे। भविष्य में यह सभी पशु चिकित्सा अधिकारी विभाग के लिए मूल्यवान साबित होंगे और विभागीय योजनाओं की क्रियान्विति एवं अपनी सेवाएं प्रदान करने में अपना श्रेष्ठतम योगदान देंगे।