राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अलवर के निर्देषानुसार तालुका विधिक सेवा समिति मुंडावर द्वारा ग्राम बल्लुवास आंगनबाड़ी केंद्र तथा मुंडावर सीएचसी में विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गयाइस दौरान पीएलवी पवन कुमार द्वारा उपस्थित महिलाओं बच्चों तथा आमजन को बालश्रम निषेध अभियान के बारे में जानकारी दी और बताया कि
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस हर वर्ष 12 जून को मनाया जाता है. इसका लक्ष्य बाल श्रम के विरुद्ध बढ़ते वैश्विक आंदोलन को गति प्रदान करना है. संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि यदि लोग और सरकारें मूल कारण पर ध्यान केन्द्रित करें तथा सामाजिक न्याय और बाल श्रम के बीच अंतर्संबंध को पहचानें, तो बाल श्रम को समाप्त किया जा सकता है.
बच्चों को ऐसे माहौल में बड़ा होना चाहिए जो उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए अनुकूल हो. उन्हें जीविका चलाने के लिए शारीरिक श्रम करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वे शारीरिक और भावनात्मक शोषण के प्रति संवेदनशील होते हैं. Pदुर्भाग्य से, बाल श्रम और दुर्व्यवहार अधिकांश गरीब देशों में प्रचलित हैं.
बाल श्रम का प्रमुख कारण गरीबी है, जिस कारण बच्चों को पढ़ाई छोड़कर मजदूरी करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. हालांकि, बहुत सारे बच्चों को बाल मजदूरी करने के लिए मजबूर किया जाता है. इस दिवस को मनाने का विशेष महत्व बच्चों के अधिकारों पर लोगों का ध्यान केंद्रित करना है ताकि बाल श्रम को जड़ से खत्म किया जा सके.1987 से, भारतीय केंद्र सरकार ने बाल रोजगार पर एक राष्ट्रीय नीति लागू की है, जो रोजगार के संपर्क में आए बच्चों और किशोरों के पुनर्वास पर केंद्रित है. यह पीड़ितों के परिवारों को उनकी आर्थिक संभावनाओं को बेहतर बनाने में सहायता करता है।इस अवसर पर उपस्थित अनिल कुमार, जलेसिह,अनिस कुमार, संदीप चौधरी तथा निर्मल यादव आंगनबाड़ी कार्यकर्ता