अब राजस्थान में अविवाहित महिलाएं भी बन सकती आंगनबाड़ी सहायिका

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उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने राज्य में अविवाहित महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका बनने की राह खोलते हुए चयन शर्तों में संशोधन को दी स्वीकृति

    उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी द्वारा राज्य में महिलाओं को उपहार देते हुए अब अविवाहित महिलाओं के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका बनने का रास्ता खोल दिया गया है।

    उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन अनुसार महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य में पहली बार ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पदों के आवेदन करने के लिए सभी महिलाएं पात्र होंगी। इसके लिए चयन शर्तों में संशोधन किया गया है।

      महिला एवं बाल विकास शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल ने बताया कि उप मुख्यमंत्री के द्वारा आंगनबाड़ी मानदेय कर्मियों की चयन शर्तों में संशोधन की स्वीकृति देकर अविवाहित महिलाओं को भी इस क्षेत्र में अवसर देने की पहल की गई है।

दिया कुमारी ने साथिनों को भी दिया उपहार

     महिला एवं बाल विकास शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल ने बताया कि उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने राज्य में जो साथिन 2 वर्ष की कार्य निरंतरता का अनुभव रखती हैं उन्हें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका हेतु आवेदन करने पर अनुभव में वरीयता दी जाने को स्वीकृति दी है। इसके लिए उन्हें बोनस में चार अंक दिए जाएंगे, जिससे उनका चयन होना और आसान हो जाएगा।

     आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका व साथिनों के मानदेय में 10 प्रतिशत वृद्धि की मिली स्वीकृति

महिला एवं बाल विकास शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल ने बताया कि उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका और साथिनों के मानदेय में भी 10 प्रतिशत की वृद्धि को स्वीकृति दी है। बढ़ा हुआ 10 प्रतिशत मानदेय अप्रैल माह से शुरू हो रहे वित्तीय वर्ष में मिलना शुरू हो जाएगा।




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