नशामुक्ति कार्यक्रम योजना
समाज के बढ़ते भौतिकवाद के फलस्वरूप नशे जैसी बुराइयों का प्रभाव शनैः शनैः बढ़ता जा रहा है। नशे की बढ़ती हुई आदत की रोकथाम करने तथा लोगों को नशे की आदत से मुक्ति दिलाने हेतु भारत सरकार की योजना को राजस्थान राज्य में वर्ष 1987 से संचालित किया जा रहा है।
भारत सरकार की योजना "scheme of assistance for prevention of alcoholism and substance (drugs) abuse and for social defence services" को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित कार्यक्रमों के मूल्यांकन तथा कार्यक्रमों के प्रस्तावों की जाँच कर प्रस्तावों को भारत सरकार को अनुदान स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जाता है।
स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों की जाँच विभागीय जिलाधिकारी से करवाये जाने का प्रावधान है। राज्य स्तर पर प्राप्त प्रस्तावों की संविक्षा उपरान्त योग्य पाये जाने पर प्रस्तावों को राज्य स्तरीय समिति के समक्ष रखा जाता है। राज्य स्तरीय समिति के परीक्षण उपरान्त उपयुक्त पाये गये प्रस्ताव मय अभिशंषा भारत सरकार को अग्रेषित किये जाते हैं।
भारत सरकार द्वारा स्वयं सेवी संस्थाओं को कार्यक्रम संचालन हेतु 90 प्रतिशत अनुदान राशि उपलब्ध कराई जाती है, शेष 10 प्रतिशत राशि संबंधित स्वयंसेवी संस्था को वहन करनी होती हैं। विभाग द्वारा उक्त योजना के क्रियान्वयन में समन्वय का कार्य किया जाता है।
भारत सरकार की नशामुक्ति योजनान्तर्गत स्वंयसेवी संस्थाओं के माध्यम से संचालित नशामुक्ति केन्द्रों के प्रस्ताव । राज्य अनुदान समिति की अभिशंषा सहित विभाग द्वारा स्वीकृति हेतु भारत सरकार को अग्रेषित किये जाते हैं।