निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चो द्वारा भारतीय/राजस्थान प्रशासनिक सेवा हेतु आयोजित प्रारम्भिक प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्रोत्साहन योजना
देय हितलाभ
- भारतीय प्रशासनिक सेवा की प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर- रूपये 1,00,000/-
- राजस्थान प्रशासनिक सेवा की प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर – रूपये 50,000/-
आवेदन ऑनलाइन करने की प्रक्रिया
- हिताधिकारी द्वारा निर्धारित प्रपत्र में मण्डल के ऑनलाईन पोर्टल http://www.ldms.rajasthan.gov.in पर आवेदन आॅनलाइन प्रस्तुत करना होगा।
- आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि- अधिसूचना प्रकाशित होने की तिथि के पश्चात संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा की प्रतियोगी परीक्षा अथवा राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा राजस्थान प्रशासनिक सेवा की प्रतियोगी परीक्षा हेतु आयोजित प्रारम्भिक परीक्षा का परिणाम घोषित होने की तिथि से 6 माह की अवधि में सफल होने पर हिताधिकारी द्वारा इस योजना के अन्तर्गत सहायता हेतु आवेदन किया जाना अनिवार्य होगा।
- स्वीकृतकर्ता अधिकारी:- स्थानीय श्रम कार्यालय के वरिष्ठतम अधिकारी अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी परीक्षण एवं पूर्ण संतुष्टि उपरांत स्वीकृति जारी की जायेगी।
- प्रोत्साहन राशि केन्द्रीय बैंकिंग व्यवस्था के अधीन अभ्यर्थी के बैंक खाते में इलैक्ट्रोनिक माध्यम (आरटीजीएस/एनईएफटी) से हस्तान्तरित की जायेगी।
नियम व शर्तें
- इस योजना के लिए वे निर्माण श्रमिक पात्र होगें, जो हिताधिकारी के रूप में मण्डल में पंजीकृत हैं तथा निरन्तर अंशदान जमा करा रहे हैं।
- अभ्यर्थी के माता-पिता की समस्त स्त्रोतो से वार्षिक आय 2.50 लाख रूपये से अधिक न हो।
- अभ्यर्थी जो पूर्व से ही राजकीय सेवाओ में कार्यरत है, उन्हे इस योजना में लाभ नहीं दिया जायेगा।
- अभ्यर्थी द्वारा संघ लोक सेवा आयोग एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा की प्रतियोगी परीक्षा तथा राजस्थान प्रशासनिक सेवा की प्रारम्भिक परीक्षा में सफलता प्राप्त करने पर दोनांे परीक्षाओं हेतु अलग-अलग निर्धारित प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
- राजस्थान राज्य के अतिरिक्त अन्य राज्यों की प्रशानिक परीक्षा हेतु इस योजना के अन्तर्गत कोई लाभ देय नहीं होगा।
- इस योजना के अन्तर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा राजस्थान प्रशासनिक सेवा के लिए अधिकतम एक-एक बार ही प्रोत्साहन राशि देय होगी अर्थात पूर्व में यदि प्रतियोगी परीक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है तो आगामी वर्ष में उसी प्रतियोगी परीक्षा की प्रारम्भिक परीक्षा पुनः उत्तीर्ण करने पर प्रोत्साहन राशि देय नही होगी।
- हिताधिकारी द्वारा योजना के अन्तर्गत प्रस्तुत सहायता आवेदन में दी गई सूचनाओ में कोई तथ्य असत्य पाया जाता है, तो योजनान्तर्गत स्वीकृत समस्त सहायता राशि एक मुश्त मय ब्याज के जमा कराने का उत्तरदायित्व संबंधित हिताधिकारी का होगा।