निर्माण श्रमिकों को विदेश में रोजगार हेतु वीजा पर होने वाले व्यय का पुनर्भरण योजना

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निर्माण श्रमिकों को विदेश में रोजगार हेतु वीजा पर होने वाले व्यय का पुनर्भरण योजना

निर्माण श्रमिकों को विदेश में रोजगार हेतु वीजा पर होने वाले व्यय का पुनर्भरण योजना

देय हितलाभ

इस योजना के अन्तर्गत पात्र हिताधिकारी को विदेश में नियोजन के उद्देश्य से वीजा हेतु किए गए व्यय के पुनर्भरण हेतु मण्डल स्तर से अधिकतम रूपये 5000/- की राशि पुनर्भरण किया जायेगा।

योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया

1. हिताधिकारी द्वारा निर्धारित प्रपत्र में मण्डल के आनलाईन पोर्टल http://www.ldms.rajasthan.gov.in आवेदन आनलाइन प्रस्तुत करना होगा।

2. आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि- अधिसूचना प्रकाशित होने की तिथि के पश्चात पंजीकृत हिताधिकारी को नियमानुसार वैध वीजा प्राप्त होने के उपरान्त अधिकतम 3 माह की अवधि में आवेदन प्रस्तुत करना होगा।

3. स्वीकृतकर्ता अधिकारी:- स्थानीय श्रम कार्यालय के वरिष्ठतम अधिकारी अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी परीक्षण एवं पूर्ण संतुष्टि उपरांत योजनान्तर्गत स्वीकृति जारी की जायेगी।

4. सहायता राशि केन्द्रीय बैंकिंग व्यवस्था के अधीन अभ्यर्थी के बैंक खाते में इलैक्ट्रोनिक माध्यम (आरटीजीएस/एनईएफटी) से हस्तान्तरित की जायेगी।

नियम व शर्तें

1. इस योजना के लिए वे निर्माण श्रमिक पात्र होगें, जो हिताधिकारी के रूप में मण्डल में पंजीकृत हैं तथा निरन्तर अंशदान जमा करा रहे हैं।

2. विदेश में संविदा नियोजन प्राप्त करने हेतु प्रवासी अधिनियम, 1983 के अन्तर्गत Protectors of Emigrants (POE) के कार्यालय से प्रवास की अनुमति लिया जाना आवश्यक है।

3. भर्ती करने वाली एजेन्सी का प्रवासी अधिनियम के अन्तर्गत पंजीयन अथवा पीओई कार्यालय से वैध परमिट आवश्यक है।

4. उक्त योजना में वीजा राशि का पुनर्भरण हिताधिकारी के वैध वीजा सहित पासपोर्ट की न्यूनतम 6 माह की वैधता होने पर देय होगा।

5. विदेश में हिताधिकारी का भावी नियोजन भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्य में होने पर ही इस योजना का लाभ देय होगा।

6. योजनान्तर्गत अधिकतम एक बार ही हिताधिकारी को सहायता राशि का लाभ देय होगा।

7. हिताधिकारी द्वारा योजना के अन्तर्गत प्रस्तुत सहायता आवेदन में दी गई सूचनाओ में कोई तथ्य असत्य पाया जाता है, तो योजनान्तर्गत स्वीकृत समस्त सहायता राशि एक मुश्त मय ब्याज के जमा कराने का उत्तरदायित्व संबंधित हिताधिकारी का होगा।

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